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अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया यात्रा की सराहना की
14 से 18 अप्रैल तक चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने निमंत्रण पर वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की राजकीय यात्रा की। वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया के सभी क्षेत्रों के लोगों तथा अंतर्राष्ट्रीय जनमत ने इस वर्ष चीनी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा की अत्यधिक प्रशंसा की। उनका मानना है कि यह यात्रा अच्छे पड़ोसियों की मित्रता पर केंद्रित थी, जिसने आपसी लाभ वाले सहयोग को बढ़ावा देते हुए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में एक नया अध्याय लिखा। इसने एक मजबूत संकेत दिया कि चीन बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों की रक्षा करने के लिए दृढ़ है, और परिवर्तन और अराजकता से भरी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में एक जिम्मेदार प्रमुख देश की छवि का प्रदर्शन किया।
मलेशिया के सिन च्यू डेली(sin chew daily) ने "मलेशिया-चीन के नए 'स्वर्णिम 50 वर्ष', साझी जीत और सह-समृद्धि" शीर्षक एक संपादकीय प्रकाशित किया, जिसमें लिखा गया था: "साझा भविष्य वाले मलेशिया-चीन समुदाय के महान दृष्टिकोण का पालन करते हुए, हम दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि मलेशिया-चीन सम्बंध क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, मानविकी व सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शैक्षिक सहयोग में और अधिक जीवन शक्ति का संचार करेंगे।"
लंदन स्थित अंतर्राष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान ने टिप्पणी की कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया की यात्रा का उद्देश्य "पड़ोसी देशों और वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ सम्बंधों को विकसित करना" है।
अमेरिका के ब्लूमबर्ग न्यूज ने एक टिप्पणी प्रकाशित की जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के प्रति चीन का "आकर्षक आक्रमण" था। चीन ने मतभेदों को उचित ढंग से प्रबंधित करने, उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला सहयोग को मजबूत करने का वचन दिया है, तथा इस बात पर जोर दिया है कि "टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता", जो कि अमेरिका की आर्थिक दादागिरी के बिल्कुल विपरीत है।
सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पूर्वी एशियाई संस्थान के निदेशक अल्फ्रेड शिप्के ने कहा कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में चीन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ घनिष्ठ व्यापारिक सम्बंध रखता है और उसकी नीतियों का विश्व पर तत्काल प्रभाव पड़ता है। हाल के वर्षों में, अन्य एशियाई देशों में चीन का प्रत्यक्ष निवेश बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्र में उत्पादन और निवेश सहयोग के नए अवसर पैदा हुए हैं। ”
थाईलैंड-चीन बेल्ट एंड रोड रिसर्च सेंटर के निदेशक विरुन पिचावोनपैडिन ने कहा कि वर्तमान में कुछ देश एकतरफावाद और संरक्षणवाद का अनुसरण कर मानव समाज को जंगल युग में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं और मानव सभ्यता अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है। बेल्ट एंड रोड पहल ने आसियान और चीन को अभूतपूर्व कनेक्टिविटी हासिल करने में सक्षम बनाया है, आसियान देशों को हाई-स्पीड रेलवे बनाने में मदद की है, और फोटोवोल्टिक और इलेक्ट्रिक वाहन औद्योगिक श्रृंखला आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना की है, जिससे आसियान देशों के आधुनिकीकरण विकास को समर्थन मिला है।